स्वामी दयानंद जी की सफलता के पीछे उनका कान्फ़िडेंस है
स्वामी दयानंद जी मौत से बचने का तरीक़ा योग सीखने के लिए घर से निकले थे। उन्हें पूरा भारत बस भर घूमने के बाद पता चला कि योग से ऐसा संभव नहीं है। उन्हें कथाओं में झूठ बताया था कि योग करके योगी अमर हो जाता है। उन्हें कोई योगी योग करके अमर बना हुआ न मिला। जिससे वह बहुत निराश हो गए थे। लेखराम कृत जीवनी में ऐसा लिखा है। अब वे जीवन कैसे काटते? वह गुरू बन गए और उपदेश देने लगे। मैंने उनके उपदेश में ग़ज़ब का कान्फ़िडेंस देखा है। बिना अरबी उर्दू हिब्रू इंग्लिश जाने ही स्वामी जी धड़ल्ले से सब उन भाषाओं के ग्रंथों की आलोचना कर देते थे और अपने यहां ऋग्वेद में यमी कुछ आतुर सी दिखे तो वहां अलंकार मान लेते हैं और सत्य को झूठ के पर्दे से ढक देते हैं। स्वामी जी ने ऋग्वेद को परमेश्वर की वाणी घोषित कर दिया और उनके कान्फ़िडेंस के कारण बहुत लोगों ने उनके दावे को सत्य भी मान लिया। उन्हें इसका लाभ यह हुआ कि बिना मेहनत किए केसर, दूध और पौष्टिक आहार मिलता रहा। अब आर्य समाजी यूट्यूब चैनल से कमाने के लिए झूठ बोल रहे हैं और पूरे कान्फ़िडेंस से झूठ बोलते हैं। इससे भारतीय समाज में वैमनस्य फैलता है। किसी दूसरे धर्म की...