दोस्तो, मैंने फ़ेसबुक पर 5 दिन पहले वर्क रामपुर के 'वेदों को ईशवाणी मानने के खंडन में ' एक लेख लिखा था। जिसे आप मेरे ब्लाग पर नीचे दिए लिंक पर देख सकते हैं: https://vedkalamullahnahi.blogspot.com/2024/05/blog-post_10.html इस पर मेरी फ़ेसबुक फ़्रेंडलिस्ट में मौजूद मुहम्मद वसीम अहमद भाई ने एक कमेंट किया। जिसमें उन्होंने कुछ नहीं लिखा बस एक ब्लाग का कमेंट पेश किया। जिसके केंद्रीय विषय पर मैंने फ़ेसबुक पर एक दूसरा कमेंट लिखा, जोकि उसके शीर्षक से ज़ाहिर हो रहा है: मैंने वर्क रामपुर के इस नज़रिए के रद्द में एक लेख लिखा था कि 'वेद प्रथम ईशवाणी है।' मैंने लिखा था कि 'वेदों में क़ुरआन जैसी तौहीद नहीं है ' जिसके समर्थन में कई कमेंट आए। Mohmmad Aman Khan भाई ने किसी Md Vaseem Ahmed को मेंशन किया और उन्होंने अपने कमेंट में कुछ नहीं लिखा। वह एक ब्लाग पर लिखे गए एक लेख का केवल लिंक चिपका गए। जो किसी ने वर्ष 2021 में लिखा है क्योंकि मैं कई वर्षों से यह बात रिपीट कर रहा हूँ। जिसे पढ़कर लोगों ने सवाल किए होंगे। मैं नहीं जानता कि वसीम अहमद भाई कौन हैं लेकिन उन्होंने जिस लेख का ...
Syed Shahroz Quamar sb की एक फ़ेसबुक पोस्ट पर निलय सिंह जी ने एक कमेंट किया था। जिस पर मैंने एक कमेंट किया। Nilay Singh जी, ऊँ शब्द को ओंकार कहते हैं और जब बैल बोलता है तो वह 'ओं ओं' की ध्वनि निकालता है। सो बैल के मुंह से निकला शब्द एक प्राकृतिक शब्द है। इसे किसी धर्म से जोड़ना ग़लत है। यह प्राकृतिक शब्द सबका है। प्राचीन काल में जिसके पास अधिक पशु होते थे, वह अधिक धनी व्यक्ति माना जाता था। सो 'ओं' शब्द समृद्धि का प्रतीक था। जिसे पशुपालक समुदाय शुभ मानकर हरेक शुभ कार्य के शुरू में बोलते थे। आज भी सब देख सकते हैं कि बैल क्या शब्द बोलता है? /// Syed Shahroz Quamar sb की फ़ेसबुक पोस्ट का लिंक: https://www.facebook.com/share/p/TWcC3wv2RUf3VMnw/?mibextid=oFDknk
जो लोग पुनर्जन्म या आवागमन में विश्वास करते हैं, यह लेख उनके लिए है। पुनर्जन्म को आवागमन के अर्थ में लिया जाता है और इसमें एक कमज़ोर बात यह है कि हर जन्म से पहले एक जन्म मानना आवश्यक है, जिसके कर्मों का फल भोगने के लिए दूसरा जन्म हुआ। फिर उससे पहले का जन्म क्यों हुआ? वह उससे पहले के जन्म के कर्मफल भोगने के लिए हुआ। इस प्रकार हर जन्म से पहले एक जन्म मानना पड़ता है और कोई भी जन्म सबसे पहला जन्म नहीं कहलाता। इस आवागमन को मानने से यह स्पष्ट नहीं होता कि मनुष्य का पहला जन्म कब और क्यों हुआ? वैज्ञानिक बताते हैं कि धरती पर मनुष्यों से पहले पेड़ पौधे और पशु पैदा हुए? ये किस पाप की सज़ा भुगतते रहे जबकि अभी धरती पर मनुष्यों ने कोई पाप ही नहीं किया था? पहले मनुष्य होते, वे पाप करते तो वे पापी पेड़-पौधे और पशु-पक्षी बनते लेकिन विज्ञान ने सिद्ध किया है कि पहले पेड़-पौधे और पशु-पक्षी बने। उनके बाद धरती पर मनुष्य पैदा हुआ।
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