वेद के शब्दों को मुस्लिम विद्वानों द्वारा अपना अर्थ पहनाना ग़लत है।

 वेदों में ज्येष्ठ ब्रह्म, कनिष्ठ ब्रह्म और अन्न ब्रह्म बहुत सारे ब्रह्म हैं।

Hafiz Shan Uddin bhai,

वेद ऋषियों का रचा हुआ काव्य है और

क़ुरआन शायरी नहीं है।

वेद के शब्दों के अर्थ सायण आदि सनातनी विद्वान जानते हैं। वे बताकर गए होंगे। उन्हें जानने की इच्छा डिबेट करने में नहीं आता।

वेद के शब्दों को मुस्लिम विद्वान अपने अर्थ पहना दें, यह ग़लत है।

वेदों में, उपनिषदों में, पुराणों में बहुत सारे देवी-देवताओं की उपासना लिखी हुई है।

सो वेद और उपनिषद जो कह रहे हैं, 

उनसे वही मन्सूब करना चाहिए।



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